नई दिल्ली| कोरोना वायरस वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी कच्चे माल के एक्सपोर्ट से अमेरिका (United States) ने रोक हटा ली है। अमेरिका ने साझेदार देशों की लिस्ट में भी भारत को खास जगह दी है, जिन्हें वो वैक्सीन की सप्लाई करेगा।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ग्लोबल एलोकेशन प्लान लॉन्च किया है।
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इस अभियान के तहत अमेरिका (United States) की ओर से दुनिया कई देशों को कोरोना टीकों की 25 मिलियन डोज की सप्लाई की जानी है। इसका बड़ा हिस्सा भारत को भी मिलने वाला है। अमेरिका के रुख में यह बदलाव इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि बीते कुछ महीनों से उसने वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगा रखी थी।
Spoke to @VP Kamala Harris a short while ago. I deeply appreciate the assurance of vaccine supplies to India as part of the US Strategy for Global Vaccine Sharing. I also thanked her for the all the support and solidarity from the US government, businesses and Indian diaspora.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 3, 2021
पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में लिखा है, “हमने वैक्सीन को लेकर अमेरिका (United States)और भारत के सहयोग को और मज़बूत करने पर चर्चा की। कोविड के बाद दुनिया के स्वास्थ्य को लेकर और आर्थिक संकट से दुनिया को उबारने में हमारा कितना योगदान हो सकता है, इस पर भी विमर्श किया गया।”
अमेरिका(United States) में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने गुरुवार शाम को मीडिया से बात करते हुए यह जानकारी दी। अमेरिका ने इससे पहले डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट लागू कर दिया था, जिसके चलते किसी भी अहम चीज की सप्लाई में अमेरिका को प्राथमिकता देना जरूरी था। बता दें कि भारत ने अमेरिका से इस रोक को हटाने की अपील भी की थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि भारत हमारे साथ मुश्किल वक्त में खड़ा था, जो हमें याद है और हम भी उसके साथ खड़े रहेंगे। यह रोक हटाए जाने के बाद वैक्सीन निर्माताओं के लिए कच्चे माल की उपलब्धता आसान हो जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के दिए एक इंटरव्यू में संधू ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन ने आज 2.5 करोड़ टीकों के वैश्विक आवंटन योजना की घोषणा की है। अमेरिका (United States) द्वारा पहले घोषणा किए गए 8 करोड़ टीकों में से दी जा रही यह पहली किश्त है। टीकों का बंटवारा दो श्रेणियों में किया जाएगा- पहला- कोवैक्स पहल के जरिए और दूसरा- सीधे पड़ोसी और सहयोगी देशों को।