Supreme Court : कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि संकट से निपटने के लिए क्या है नेशनल प्लान
दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सिजन की सप्लाई और कोरोना को लेकर आज भी सुनवाई जारी है। इससे साथ ही केंद्र सरकार से नैशनल प्लान मांगने वाला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी इस मुद्दे पर अलग से सुनवाई कर रहा है। कोर्ट में सरकार क्या-क्या दलीलें रख रहे हैं और अदालत की तरफ से उन्हें क्या हिदायतें दी जा रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया। पिछली सुनवाई में अदालत ने मोदी सरकार से राष्ट्रीय योजना पर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान अब तक देश की सबसे बड़ी अदालत ने क्या अहम टिप्पणियां की हैं।
-सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने सुनवाई करते हुए कहा- यह राष्ट्रीय संकट का समय है। हम मूकदर्शक बने नहीं रह सकते हैं।
-अस्पताल में भर्ती होने को लेकर कोई राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए?
-अलग-अलग कीमत पर केंद्र सरकार क्या कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाईः तमिलनाडु सरकार को फटकार.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, एलएन राव और एसआर भट्ट की बेंच ने तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए कहा- वेंदाता द्वारा ऑक्सिजन के उत्पादन पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यह राष्ट्रीय आपदा का वक्त है। देश की सबसे बड़ी अदालत होने की नाते हम जिंदगियों को बचाने की हर कोशिश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने वेंदाता की ऑक्सिजन उत्पादन ईकाई को 15 जुलाई तक ऑपरेशन की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस पर दोबारा आदेश देगा।
Raipur रायपुर के अस्पताल में मरीज को लिखे रेमडेसिविर के 8 इंजेक्शन
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछली सुनवाई में ही कहा था कि कोरोना और ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर छह अलग-अलग हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इससे कन्फ्यूजन पैदा हो सकता है. कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया था कि हाईकोर्ट के मामलों पर सुनवाई का मतलब केस ट्रांसफर करना नहीं है. हाईकोर्ट्स आगे बढ़ें और फैसले लें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कोरोना के बिगड़ते हालात पर 4 पॉइंट में नेशनल प्लान मांगा था.
1. राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी बनी हुई है और मरीजों की जान जा रही है।
2. पूरे देश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है, लेकिन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है।
3. कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की हर राज्य में कमी है।
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं होना चाहिए। ये राज्य सरकार के अधीन हो.