Police Encounter In Punjab अटारी की सीमा पर पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में चारों गैंगस्टर मारे जा चुके हैं। पांच घंटे से चला एनकाउंटर अब पूरा हो चुका हैं। डीजीपी गौरव यादव ने कंफर्म किया है कि मारे गए दो गैंगस्टर्स का सिद्धू मूसेवाला की हत्या में हाथ था। इनमें से एक गैंगस्टर मन्नू वही है, जिसने मूसेवाला पर एके-47 से पहली गोली दागी थी। जिस हवेली से बदमाश गोलियां चला रहे थे, उस पर पुलिस ने कब्जा कर लिया है। हवेली से पुलिस को एके-47 भी बरामद हुई है।
#SidhuMoosewala murder: #AGTF ADGP Promod Ban confirms the operation concluded successfully as both Manpreet Mannu & Jagroop Roopa, who killed #Moosewala were neutralized in a heavy exchange of fire.#Police also recovered an AK-47 along with heavy ammunition from the spot.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) July 20, 2022
बीच में खबर आई थी कि मुठभेड़ (Police Encounter In Punjab)को कवर कर रहे एक निजी चैनल के कैमरामैन को भी गोली लगी थी और वो भी जख्मी हो गए थे. पूरी मुठभेड़ के दौरान पुलिस के कई आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.
पुलिस को जब पता चला कि किसी सुनसान इलाके में बनी पुरानी हवेली में दो गैंगस्टर्स जगरूप सिंह रूपा और मन्नू कूसा छिपे बैठे हैं तब पुलिस एक्शन में आई. DGP के मुताबिक गैंगस्टर्स के पास भारी मात्रा में असलहा मौजूद था. खेतों के बीच में बनी हवेली से लगातार पुलिस के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें कि AK47 हथियार का इस्तेमाल किया गया.
पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दो गैंगस्टरों जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा का पीछा कर रही थी, तभी अमृतसर से करीब 20 किलोमीटर दूर भकना गांव में मुठभेड़ (Police Encounter In Punjab)शुरू हुई थी। दोनों बदमाश जग्गू भगनपुरिया गिरोह से संबंधित थे। मूसेवाला हत्याकांड के लिए भगनपुरिया ने इन निशानेबाजों को लॉरेंस बिश्नोई को मुहैया कराया था। ये दोनों 52 दिन से पुलिस को चकमा देते रहे थे। अमृतसर के पास के गांव में तीन एंबुलेंस पहुंची। पुलिस और सिद्धू मूसेवाला के दो संदिग्ध हत्यारों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई।
मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने लोगों से घर के अंदर रहने की अपील की। मुठभेड़ (Police Encounter In Punjab) में एक प्रेस फोटोग्राफर और दो पुलिस कर्मी घायल हुए। मन्नू कुस्सा पर आरोप है कि उसने मूसेवाला पर एके-47 राइफल से पहली गोली चलाई थी। वह और जगरूप रूपा उन तीन संदिग्ध निशानेबाजों में शामिल था, जो फरार था। उनमें से दीपक मुंडी का अभी तक पता नहीं चल पाया है।