Partha Chatterjee प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम अब भी कोलकाता में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के आवास पर मौजूद है. एसएससी भर्ती घोटाले के सिलसिले में ईडी की टीम ने शुक्रवार को पार्थ चटर्जी के यहां छापेमारी की थी. एसएससी भर्ती घोटाला और शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की राजनीति से लेकर ब्यूरोक्रेसी के गलियारों तक में 22 जुलाई को ईडी की छापेमारी के कारण हलचल रही. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के लोकेशन पर हुई छापेमारी में करोड़ों रुपए की नकदी ईडी ने बरामद की है.
Partha Chatterjee ED Raid इसके साथ ही ईडी की टीम ने वर्तमान शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी, तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक माणिक भट्टाचार्य, पीके बंदोपाध्याय के यहां छापामार कार्रवाई की. जांच एजेंसी ने चंदन मंडल उर्फ रंजन के यहां भी छापेमारी की, जिसकी इस भर्ती घोटाला मामले में एजेंट की भूमिका रही थी. चंदन मंडल के आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, लेकिन अर्पिता मुखर्जी के आवास से मिले 20 करोड़ रुपये नकदी चर्चा का विषय है.
Partha Chatterjee ED Raid जांच एजेंसी के मुताबिक जब्त करोड़ों रुपये एसएससी और शिक्षक भर्ती घोटाले से अर्जित किए गए हैं. इसी वजह से राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी. अधिकारी, विधायक माणिक भट्टाचार्य सहित अन्य कई रसूखदार नेताओं के साथ करीबी संबंध रखने वालों के यहां भी ईडी ने छापेमारी की प्रकिया को अंजाम दिया है. पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित, कई तत्कालीन मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों पर बेहद संगीन आरोप लगे थे.
Partha Chatterjee ED Raid जांच एजेंसी द्वारा छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस, फाॅरेन करेंसी समेत गोल्ड ज्वैलरी और करीब 20 ऐसे मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इनका इस्तेमाल एसएससी और शिक्षक भर्ती घोटाले में हुआ था. ईडी को इन मोबाइल फोन्स में कई ऐसे नंबर मिले हैं, जो बिचौलियों के हैं. लिहाजा उन 20 मोबाइल फोन, कई कम्प्यूटर्स और लैपटॉप्स को जब्त करने के बाद जांच एजेंसी ने इन्हें फोरेंसिक लैब भेजा है.
Partha Chatterjee ED Raid ये भी आरोप लगे थे कि ग्रुप सी और डी के गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में भी लाखों रुपये घूस लेकर अयोग्य लोगों को नौकरी दी गई. यहां तक कि प्राइमरी कक्षाओं के शिक्षकों की नियुक्तियों में भी बड़ी धांधली के आरोप लगे थे. इस फर्जीवाड़े में कुछ नेताओं ने अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को भी नौकरी दी. फिर यह मामला कोर्ट में पहुंचा. अदालत ने बड़े पैमाने पर अनियमितता देखते हुए इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी. बाद में उसी मामले को आधार बनाते हुए ईडी की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किय