Murder Case भिलाई हाई प्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया.
भिलाई| भिलाई के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड (Murder Case)में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दो आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैl मामले में न्यायालय ने एक आरोपित को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दियाl सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने इस मामले में फैसला सुनाया. कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए फैसला ऑनलाइन सुनाया गया. मामले में दो मुख्य आरोपित विकास जैन और अजीत सिंह को धारा 302 में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है
लोक अभियोजक बाल मुकुंद चंद्राकर ने बताया कि आजीवन कारावास से आशय आरोपितों को अंतिम सांस तक जेल में ही रहना है. इस मामले के अन्य आरोपित विकास जैन की पत्नी किम्सी जैन को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया.
जाने पूरा मामला.
घटना नवंबर 2015 की है. शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज जुनवानी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा 9 नवंबर 2015 को अपने घर से निकले थे, लेकिन वे घर नहीं लौटे, 9 नवंबर को ही उसे स्मृतिनगर बुलाकर हत्या (Murder) की गई. 10 नवंबर को दुर्ग के जेवरा चौकी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई. 22 दिसंबर 2015 को पुलिस ने संदेह के आधार पर आरोपी विकास जैन व अजीत सिंह को हिरासत में लिया. पूछताछ में अपराध कबूला.23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने स्मृति नगर से शव बरामद किया.23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड लिया.24 दिसंबर 2015 को पुलिस ने किम्सी जैन को दिल्ली से दुर्ग लाई और न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड लिया.26 दिसंबर 2015 को विकास जैन व किम्सी जैन के चाचा अजीत सिंह को न्यायालय में प्रस्तुत कर न्यायिक रिमांड लिया गया.
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आरोपियों ने ये बताई हत्या (Murder) की वजह.
किम्सी जैन दो साल पहले किम्सी अभिषेक मिश्रा के कॉलेज में काम करती थी. इसी दौरान दोनों करीब आए थे. शादी के बाद किम्सी ने कॉलेज की नौकरी छोड़ दी, लेकिन अभिषेक चाहता था कि उनका रिश्ता कायम रहे वह लगातार किम्सी पर इसके लिए दबाव डाल रहा था. परेशान किम्सी ने पूरी बात अपने पति विकास को बता दी किम्सी ने जब अपने पति को पूरी कहानी सुनाई तो वह बदले की भावना जल उठा. इसके बाद किम्सी, उसके पति विकास और चाचा सुसर अजीत ने हत्या (Murder) की साजिश रची. तीनों ने अभिषेक को घर बुलाने का प्लान बनाया. किम्सी ने अभिषेक को बुलाया और प्लान के मुताबिक वह घर आ भी गया. किम्सी के बुलाने पर अभिषेक मिश्रा जब उसके घर पहुंचा तो उसके पति और सुसर ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया. उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
45 दिन बाद मिला था शव शंकरा गु्रप ऑफ कॉलेज के वाइस पे्रसीडेंट अभिषेक मिश्रा की हत्या (Murder)विकास जैन व उनके चाचा ससुर ने मिलकर वर्ष 2015 में दीपावली के पूर्व कर दी थी. इस मामले में किम्सी जैन को जेल में बंद है. हत्या के बाद शव को स्मृति नगर स्थित एक मकान के किचन गार्डन में गड़ा दिया था. लगभग एक माह बाद मामले का खुलासा हुआ. तब पुलिस ने शव बरामद किया.